Tributes (page 4)

& Remembrance

Kaifi Azmi Ki Kahani – Documentary on Kaifi Azmi

कैफ़ी आज़मी…..गुज़रे ज़माने के एक ऐसे शायर….जिनके लिखे फ़िल्मी तरानों की खुशबू आज भी फ़िज़ाओं में महकती है….गुज़रे ज़माने के एक ऐसे शायर….जिनके लिखे फ़िल्मी तरानों की खुशबू आज भी फ़िज़ाओं में महकती है….। नर्म नाजुक लफ़्जों से सजे हिंदी…

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Faiz Ahmed Faiz

पेशलफ़्ज़ – फैज़ अहमद ‘फैज़’

इस मुख़्तसर मज्मुए में कैफ़ी आज़मी ने गुज़श्ता पच्चीस बरस का मुन्तख़ब2 कलाम शामिल किया है यानी एक तरह से यह उनका सिल्वर जुबली एडिशन है l पढ़नेवालों को शायद सबसे बड़ी तो इस मज्मुए के इख्तिसार3 से शिकायत होगी…

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सज्जाद ज़हीर - kaifi azmi

पेशलफ़्ज़ – सज्जाद ज़हीर

Listen to Sajjad Zaheer here जदीद1 उर्दू शायरी के बाग़ में एक नया फूल खिला है, एक सुर्ख़2 फूल l कैफ़ी आज़मी से मेरी वाक़िफ़ियत3 एक साल से भी कम की है, उनसे मुलाक़ात को अभी छह महीने भी नहीं…

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nida-fazli-azmikaifi

शोषित वर्ग के शायर थे कैफ़ी आज़मी

कैफ़ी आज़मी मेरे समकालीन थे. उसी तरह जैसे उम्र के फ़र्क के बावजूद वह अपने सीनियर शायर जोश मलीहाबादी, रघुपति सहाय फ़िराक़ और जिगर मुरादाबादी के समकालीन थे. वह इन बुज़ुर्गों के ज़माने के नौजवान शायर थे. सन् 35-36 में…

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