कैफ़ी आज़मी…..गुज़रे ज़माने के एक ऐसे शायर….जिनके लिखे फ़िल्मी तरानों की खुशबू आज भी फ़िज़ाओं में महकती है….गुज़रे ज़माने के एक ऐसे शायर….जिनके लिखे फ़िल्मी तरानों की खुशबू आज भी फ़िज़ाओं में महकती है….। नर्म नाजुक लफ़्जों से सजे हिंदी सिनेमा में ना जाने कितने ऐसे नगमे हैं…जिनमें कैफ़ी आज़मी के शब्दों की सोंधी महक आती है…। उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ जिले के मिजवां में 14 जनवरी 1919 को जन्मे कैफ़ी आज़मी आगे चलकर मुंबई कैसे पहुंच गए? कैसे फिल्मों में लिखने लगे? ये किसी दिलचस्प कहानी से कम नहीं …। इस कहानी में मुहब्बत है…ज़िंदगी की जद्दोजहद है…अपने नगमों के ज़रिए ज़िंदगी की पहेली को सुलझाते पल हैं…तो भीगी पलकों के लम्हें भी इस कहानी के अहम किरदार हैं…।
Kaifi Azmi Ki Kahani – Documentary on Kaifi AzmiLatest
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