Pyar Ka Jashn

प्यार का जश्न

  • Artist: Roop Kumar Rathod

प्यार का जश्न नयी तरह मनाना होगा

ग़म किसी दिल में सही ग़म को मिटाना होगा

कांपते होटों पे पैमान-ए-वफ़ा, क्या कहना

तुझको लायी है लग्जिश-ए-पा क्या कहना

मेरे घर में तिरे मुखड़े की जिया, क्या कहना

आज हर घर का दिया मुझको जलाना होगा

रूह चेहरों पे धुआं देखकर शर्माती है

झेंपी-झेंपी सी मिरे लब पे हंसी आती है

तेरे मिलने की ख़ुशी दर्द बनी जाती है

हमको हँसना है तो औरों को हँसाना होगा

सोयी-सोयी हुई आँखों में छलकते हुए जाम

खोयी-खोयी हुई नज़रों में मुहब्बत का पयाम

लब-ए-शिरी पे मिरी तश्नालबी का इनाम

जाने इनाम मिलेगा कि चुराना होगा

मेरी गर्दन में तिरी सन्दली बाँहों का ये हार

अभी आंसूं थे इन आँखों में अभी इतना ख़ुमार

मैं न कहता था मिरे घर में भी आएगी बहार

शर्त इतनी थी की पहले तुझे आना होगा

Pyar Ka Jashn